सावन में लगती है इन प्रसिद्ध शिव मंदिरों में मेले , श्रद्धालु जरूर जाएं

सावन में लगती है इन प्रसिद्ध शिव मंदिरों में मेले , श्रद्धालु जरूर जाएं
सावन में लगती है इन प्रसिद्ध शिव मंदिरों में मेले , श्रद्धालु जरूर जाएं
हिंदू कैलेंडर में सावन पांचवा महीना होता है जो काफी शुभ माना जाता है यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस महीने में ही कावंड यात्रा भी शुरू होती है जिसमें जल और दूध शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है। सावन के महीने में श्रद्धालु भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिरों का रुख करते हैं। भारत में कई ऐसे प्राचीन शिव मन्दिर हैं जो हिंदू मान्यताओं काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। हम यहां आपको ऐसे ही प्रसिद्ध शिव मंदिरों की जानकारी दे रहे हैं जहां आप सावन के महीने में जा सकते हैं।

ओमकारेश्वर मंदिर, मध्य प्रदेश
यह 12 ज्योतर्लिंगों में से एक है यह शिवपुरी नाम के एक छोटे से आईलैंड पर बना है जो खुद भी ओम के आकार का है। सावन महीने के दौरान खास पूजा अर्चना के लिए दुनियाभर से श्रद्धालु यहां आते हैं।

कैसे पहुंचे- इंदौर एयरपोर्ट ओमकारेश्वर का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है जो 77 किलोमीटर दूर है वहीं सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन केवल 12 किलोमीटर दूर है लेकिन यह मुख्य लाइन से कनेक्ट नहीं है इसलिए आप इंदौर रेलवे स्टेशन तक की ट्रेन पकड़ सकते हैं।

काशी विश्वनाथ मंदिर, उत्तर प्रदेश
गंगा नदी के किनारे स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी में स्थित है। यह दुनिया के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है इस मंदिर का इतिहास 3500 साल से ज्यादा पुराना है। सावन के महीने में हर सोमवार को मंदिर में अलग-अलग तरह की सजावट देखने को मिलती है। मंदिर में झूला श्रृंगार को देखने हजारो श्रद्धालु पहुंचते हैं।

कैसे पहुंचे- वाराणसी उत्तर प्रदेश का एक बड़ा शहर है वाराणसी में एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन दोनो मौजूद है जहां देश के प्रमुख शहरों से उड़ाने और सीधी ट्रेन सेवा उपलब्ध है इसके अलावा देश के प्रमुख शहरों से सीधी बस सेवा भी उपलब्ध है।

सोमनाथ मंदिर, गुजरात
गुजरात में सावन का महीना उत्तर भारत के मुकाबले पहले ही शुरू हो जाता है। सोमनाथ का मंदिर एक प्राचीन शिव मंदिर है जिसका भारत की ऐतिहासिक किताबों में भी उल्लेख है। सावन के महीने में सोमनाथ का मंदिर सुबह 4 बजे खुल जाता है और रात को 10 बजे तक खुला रहता है। इस दौरान यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान शिव का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं।

कैसे पहुंचे- केशोद सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है जो सोमनाथ से 50 किलोमीटर दूर है वहीं वेरावल सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है जो सोमनाथ से केवल 7 किलोमीटर दूर है। सोमनाथ के लिए कई शहरों से सीधी बस सेवा भी उपलब्ध है।

त्र्यंकेश्वर, महाराष्ट्र
इस मंदिर की खास बात इसके तीन चेहरे हैं जो भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा को प्रदर्शित करते हैं। सावन के महीने को यहां बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। सावन के महीने में यहां शिवलिंग को पानी चढ़ाना काफी शुभ माना जाता है खासतौर से सोमवार के दिन इसे और भी शुभ माना जाता है।

कैसे पहुंचे- त्र्यंकेश्वर के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन नासिक रोड रेलवे स्टेशन है जो मंदिर से केवल 40 किलोमीटर दूर है वहीं नासिक एयरपोर्ट तक फ्लाइट पकड़कर हवाई जहाज से आ सकते हैं। त्र्यंकेश्वर के लिए महाराष्ट्र के प्रमुख शहरों से सीधी बस सेवा भी उपलब्ध है।

लिंगराज मंदिर, ओडिशा
यह भुवनेश्वर का सबसे बड़ा मंदिर है और भगवान शिव को समर्पित प्रत्येक दिन को यहां बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है। सावन के महीने में श्रद्धालु महानदी से पानी लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। सावन के महीने में सोमवार के दिन यहां खास पूजा अर्चना होती है।

कैसे पहुंचे- ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में होने के कारण यहां पहुंचना ज्यादा मुश्किल नहीं है। भुवनेश्वर में बीजू पटनायक एयरपोर्ट है जो देश के प्रमुख शहरों से सीधी जुड़ा है इसके अलावा भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन तक भी सीधी ट्रेन सेवा प्रमुख शहरों से उपलब्ध है। भुवनेश्वर के लिए कई शहरों से सीधी बस सेवा भी उपलब्ध है।

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