तालिबान के आतंक का खौफ! प्लेन नहीं मिला तो पैदल ही आजादी के लिए निकले अफगानी

तालिबान के आतंक का खौफ! प्लेन नहीं मिला तो पैदल ही आजादी के लिए निकले अफगानी

तालिबान के आतंक का खौफ! प्लेन नहीं मिला तो पैदल ही आजादी के लिए निकले अफगानी
आई एन न्यूज नई दिल्ली डेस्क:
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद लोग किसी भी कीमत पर अफगानिस्तान छोड़ कर भाग जाना चाहते हैं और नमरुज प्रांत से कुछ ऐसी ही तस्वीरें आई है, जहां लोग पैदल ही निकल पड़े हैं. बता दें कि नमरुज प्रांत की सीमा पाकिस्तान और ईरान से लगती है. नमरुज प्रांत से लोग पाकिस्तान होते हुए ईरान पहुंचेंगे और ईरान के बाद इनका अगला ठिकाना वहां से 1600 किलोमीटर दूर तुर्की होगा. तुर्की एक ऐसा देश है, जिसे यूरोप में दाखिल होने का सबसे बड़ा गेटवे माना जाता है।
मुस्लिम देशों के अधिकतर शरणार्थी तुर्की होते हुए ही यूरोप पहुंचते हैं. हालांकि इन शरणार्थियों को रोकने के लिए तुर्की 295 किलोमीटर एक लंबी दीवार बना रहा है. जो लोग काबुल के पास पूर्वी अफगानिस्तान के प्रांतों में फंसे हैं, वो भी तुर्की जाना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए वो पाकिस्तान में दाखिल हो रहे हैं. अफगानिस्तान और पाकिस्तान सीमा पर स्थित स्पिन बुल्डक बॉर्डर पर हजारों अफगान नागरिक जमा हैं, जो किसी भी तरह पाकिस्तान में दाखिल हो जाना चाहते हैं। यहां ऐसे लोगों की तादाद ज्यादा है, जो काबुल एयरपोर्ट के अंदर नहीं घुस पाए थे। लोगों की भीड़ को देखते हुए पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के साथ अपने बॉर्डर को भी बंद कर दिया है और वहां सैनिकों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है. अफगानिस्तान के इन लोगों ने आजादी की आस अब भी नहीं छोड़ी है और संभव है कि आने वाले दिनों में अफगानिस्तान की सीमाओं पर ऐसी भीड़ और बढ़े. अफगानिस्तान से भागते लोगों की तस्वीरें आपको 1947 में भारत के बंटवारे की तस्वीरें याद दिला सकती हैं. उस समय करीब एक से दो करोड़ लोगों ने अपना घर छोड़ा था। (सूत्र)

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