कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लगा तगड़ा झटका, संसद सदस्यता रद्द

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लगा तगड़ा झटका, संसद सदस्यता रद्द

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लगा तगड़ा झटका, संसद सदस्यता रद्द
आई एन न्यूज नई दिल्ली डेस्क: कांग्रेस नेता राहुल गांधी अब संसद सदस्य नहीं रहे। शुक्रवार को जारी लोकसभा सचिवालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक, राहुल को सदन से अयोग्य माना गया है। उनके खिलाफ 2019 के मानहानि मामले में गुजरात की एक अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाने के बाद यह कार्रवाई की गई है।
बता दे कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (e) और जनप्रतिनिधि कानून के तहत रद्द की गई है। वे केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद थे। उन्होंने 2019 में यहां से 65 फीसद वोट हासिल कर बड़ी जीत हासिल की थी। हालांकि, अमेठी में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
जनप्रतिनिधि कानून 1951 की धारा 8 के मुताबिक, अगर सांसद या विधायक को किसी भी मामले में दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो उनकी संसद सदस्यता रद्द हो जाएगी। इतना ही नहीं, वे सजा पूरी होने के छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। ऐसे में राहुल गांधी को अगर सजा होती है, तो वे 2024 और 2029 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
बताते चले कि, राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के मामले में गुजरात की एक अदालत ने दो साल के कारावास की सजा सुनाई है, जिसके बाद से उनकी लोकसभा सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा था। वैसे तो अदालत ने सजा सुनाने के बाद ही उनकी सजा निलंबित कर दी थी और उन्हें जमानत देते हुए अपील के लिए 30 दिन का समय भी दिया है, लेकिन इससे उन्हें बहुत राहत मिलती नहीं दिख रही है। राहुल को अब अपनी संसद सदस्यता बचाने के लिए अपनी अपील में पूरे केस को गलत साबित कर स्वयं को निर्दोष साबित करना होगा या फिर शिकायतकर्ता से समझौता करना होगा।
राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान 13 अप्रैल को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली को संबोधित किया था। इस दौरान कहा था, ”नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेन्द्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है? राहुल के खिलाफ भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का केस दर्ज कराया था।
राहुल गांधी की संसद सदस्यता बचाने के सभी रास्ते अभी बंद नहीं हुए हैं। उनके पास हाईकोर्ट में जाने का विकल्प है। अगर हाईकोर्ट सूरत सेशन कोर्ट के फैसले पर स्टे लगा देता है तो उनकी सदस्यता बच सकती है। वहीं, अगर हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो राहुल सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। शीर्ष अदालत अगर फैसले पर स्टे लगा देता है तो उनकी सदस्यता बच जाएगी। अगर उन्हें राहत नहीं मिलती है तो वे आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

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