नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर भाजपा और विपक्षी दल आमने सामने

नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर भाजपा और विपक्षी दल आमने सामने

नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर भाजपा और विपक्षी दल आमने सामने
आई एन न्यूज नई दिल्ली डेस्क:
नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दल आमने-सामने हैं। नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराने की विपक्ष की मांग के बीच कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने 28 मई को आयोजित समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों की मांग है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराया जाए।ऐसे में तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने साफ कह दिया है कि वे नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगे। सूत्रों ने बताया कि समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा की और सदन में विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा जल्द ही एक संयुक्त बयान जारी किया जाएगा। जिसमें उद्घाटन कार्यक्रम के संयुक्त बहिष्कार की घोषणा की जाएगी। जिसमें 19 पार्टियों ने नए संसद भवन को बाय कट कर एक अपील की है अपील में कहा गया है,नए संसद भवन का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण अवसर है। हमारे इस विश्वास के बावजूद की सरकार लोकतंत्र को खतरे में डाल रही है जिस निरंकुश तरीके से नई संसद का निर्माण किया गया था। उसकी हमारी अस्वीकृति के बावजूद हम अपने मतभेदों को दूर करने और इस अवसर को चिन्हित करने के लिए तैयार थे। हालांकि राष्ट्रपति मुर्मू को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए नए संसद भवन का उद्घाटन करने का प्रधानमंत्री मोदी का निर्णय न केवल एक गंभीर अपमान है बल्कि हमारे लोकतंत्र पर सीधा हमला है। जो इसके अनुरूप प्रतिक्रिया की मांग करता है भारत के संविधान में अनुच्छेद 79 में कहा गया है संघ के लिए एक संसद होगी जिसमें राष्ट्रपति और दो सदन होंगे जिसमें क्रमशः राज्यों की परिषद और लोगों की सभा के रूप में जाना जाएगा। राष्ट्रपति ना केवल भारत में राज्य का प्रमुख होता है बल्कि संसद का एक अभिन्न अंग भी होता है ।वह संसद को बुलाती है और संबोधित करती है। संक्षेप में राष्ट्रपति के बिना संसद कार्य नहीं किए जा सकते फिर भी प्रधानमंत्री ने उनके बिना नए संसद भवन उद्घाटन करने का जो निर्णय लिया है। वह अशोभनीय कार्य है ।
जब लोकतंत्र की आत्मा को संसद से निष्कासित कर दिया गया है। तो हमें नई इमारत में कोई मूल्य नहीं दिखता हमने संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के अपने सामूहिक निर्णय की घोषणा करते हैं ।
हम इस निरंकुश प्रधानमंत्री और उनकी सरकार के खिलाफ शब्दों और भावनाओं में लड़ना जारी रखेंगे अपना संदेश सीधे भारत के लोगों तक ले जाएंगे।
पार्टियां जिन्होंने नए संसद भवन के उद्घाटन से पांव पीछे खीचें
1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2. तृणमूल कांग्रेस
3. द्रविड़ मुनेत्र कड़गम
4. जनता दल (यूनाइटेड)
5. आम आदमी पार्टी
6. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
7. शिवसेना (यूबीटी)
8. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)
9. समाजवादी पार्टी
10. राष्ट्रीय जनता दल
11. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
12. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग
13. झारखंड मुक्ति मोर्चा
14. राष्ट्रीय सम्मेलन
15. केरल कांग्रेस (मणि)
16. रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी
17. विदुथलाई चिरुथिगल काची
18. मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम
19. राष्ट्रीय लोकदल

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